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माना अब राहें हमारी जुदा जुदा है, जहां मिलना अब मु

माना अब राहें हमारी जुदा जुदा है,
जहां मिलना अब मुक्कदर नहीं,
पर फिर एक ऐसी मुलाकात जिसमें
मिलने के वादे नहीं, कोई शिकायते नहीं,
मेरी इस ख्वाहिश को अंजाम अबकी दे देना 
इस बार जब मिलने आओ,
तुम आलिंगन बस करना,
आंखो में देख मेरी, तुम धीमे से मुस्कुरा देना,
मैं तुम्हारी मुस्कुराहट को आंखो में समेट लूँगा 
इसे इंतजार से सुनी पड़ी आंखो की चमक बनानी है,
दिल माना ही नहीं
अब तक की हम बिछड़ गए,
इसे भी समझा जाना,
अलविदा नहीं कहा तुमने कभी,
इस बार यह भी कह जाना,
करने आजाद मुझे इस इंतजार से 
करोगे ना तुम आजाद मुझे अपने प्यार से,
बोलो करोगे ना एक मुलाकात फिर से...!!!

©Raj Alok Anand
  #आखिरी_मुलाकात