कभी मैं बेठे बेठे सोचता हूं की आज मैं क्या लिखूँगा? किसी बेनाम लड़की को खत या कोई कहानी, कुछ समझ नहीं आता । बार बार यह सोचने पर आता है की "क्या मैं ठीक कर रहा हूँ, क्या यह मेरे सपनों के लिए जरूरी है?" तो मुझे याद आया की मैं ज़माने की बातें कर लेता हूँ, पर अपने सपनों के बारे में मैं किसी से कोई बात नहीं करता। हम सभी से कभी ना कभी यह सवाल जरूर किया जाता है, "क्या करना चाहते हो आगे भविष्य में?" मेरे पास इस सवाल का जवाब तो था पर मुझे लगता है मेरे जवाब शायद ही किसी को समझ आए। इसलिए मैं हमेशा इस सवाल पर चुप रहा। मैं ना वो हर काम करना चाहता हूँ जो मुझे खुशी देता है। जेसे मैं हमेशा से चाहता हूँ की किसी स्कूल में मैं टीचर बनूँ, एसा टीचर जिसका काम ही सिर्फ इतना हो की उसे बच्चों से बातें करनी है, मैं उन्हें अपनी कहानी सुनाना चाहता हूं, उनसे उनकी कहानी सुनना चाहता हूँ। मैं दुनिया घूमना चाहता हूँ और चाहता हूँ हर एक गांव, हर एक शहर में मेरा घर हो। वो इट पत्थर वाला घर नहीं, मैं लोगों के दिलों में घर बनाना चाहता हूँ। अपनी कहानियाँ बच्चे-बच्चे तक पहुंचाना चाहता हूँ। जब मेरे पास कहानियाँ खत्म हो जाएगी तो मैं दूर किसी छोटे से गांव में बसना चाहता हूँ। सपने तो बहुत है, छोटे सपनों का मेरे पास एक बड़ा ख़ज़ाना है। बस कभी मुझसे पूछ लेना..!! ©Khyali Joshi #scared