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अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः । यज्ञाद्भव

अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः ।
यज्ञाद्भवति पर्जन्यो यज्ञ: कर्मसमुद्भवः।।
(गी. अ.-03,श्लोक-14)

सम्पूर्ण प्राणी अन्न से उत्पन्न होते हैं।
अन्न वर्षा के माध्यम से प्राप्त करते हैं।
और वर्षा यज्ञ करने से होती है। यज्ञ--
सभी के कल्याण के लिए किए गए कर्म
कहलाते हैं।
:
सन्तान सप्तमी की आप सभी को,
हार्दिक शुभकामनाएं साथियो। हुलस रहा माँटी का कणकण उमड़ रही रसधार है।
त्योहारों का देश हमारा हमको इससे प्यार है।
❤🙏
कल हमने आपको #देवछठ के बारें बताया था। आज हम आपको बतायेंगे #सन्तानसप्तमी के बारे में।जैसा कि हमने आपको कहा था कि भादों का माह लगते ही व्रत,पर्व, उत्सव, त्योहार, मेले लगने आरंभ हो जाते हैं तो इसी कड़ी में आज का व्रत "सन्तानसप्तमी" के रुप में किया जाता है। माता-पिता मिलकर अपने बच्चों के भविष्य और जीवन को सफल बनाने का संकल्प माता पार्वती और भगवान शिव को साक्षी मानकर लेते हैं।
:
हिंदी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी ति​थि को संतान सप्तमी का व्रत किया जाता है। इस वर्ष संतान सप्तमी आज है।आज के दिन भगवान शिव और माता गौरी की विधि विधान से पूजा की जाती है। वे प्रसन्न होकर भक्तों को संतान प्राप्ति, उसकी रक्षा और उन्नति व कुशलता का आशीर्वाद देते हैं।
:
आज के दिन सात मीठी पूरियां बनाकर उनका भोग लगाया जाता है और परिवार सहित उन्हीं को भोजन के रुप में ग्रहण करते हैं।
अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः ।
यज्ञाद्भवति पर्जन्यो यज्ञ: कर्मसमुद्भवः।।
(गी. अ.-03,श्लोक-14)

सम्पूर्ण प्राणी अन्न से उत्पन्न होते हैं।
अन्न वर्षा के माध्यम से प्राप्त करते हैं।
और वर्षा यज्ञ करने से होती है। यज्ञ--
सभी के कल्याण के लिए किए गए कर्म
कहलाते हैं।
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सन्तान सप्तमी की आप सभी को,
हार्दिक शुभकामनाएं साथियो। हुलस रहा माँटी का कणकण उमड़ रही रसधार है।
त्योहारों का देश हमारा हमको इससे प्यार है।
❤🙏
कल हमने आपको #देवछठ के बारें बताया था। आज हम आपको बतायेंगे #सन्तानसप्तमी के बारे में।जैसा कि हमने आपको कहा था कि भादों का माह लगते ही व्रत,पर्व, उत्सव, त्योहार, मेले लगने आरंभ हो जाते हैं तो इसी कड़ी में आज का व्रत "सन्तानसप्तमी" के रुप में किया जाता है। माता-पिता मिलकर अपने बच्चों के भविष्य और जीवन को सफल बनाने का संकल्प माता पार्वती और भगवान शिव को साक्षी मानकर लेते हैं।
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हिंदी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी ति​थि को संतान सप्तमी का व्रत किया जाता है। इस वर्ष संतान सप्तमी आज है।आज के दिन भगवान शिव और माता गौरी की विधि विधान से पूजा की जाती है। वे प्रसन्न होकर भक्तों को संतान प्राप्ति, उसकी रक्षा और उन्नति व कुशलता का आशीर्वाद देते हैं।
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आज के दिन सात मीठी पूरियां बनाकर उनका भोग लगाया जाता है और परिवार सहित उन्हीं को भोजन के रुप में ग्रहण करते हैं।

हुलस रहा माँटी का कणकण उमड़ रही रसधार है। त्योहारों का देश हमारा हमको इससे प्यार है। ❤🙏 कल हमने आपको #देवछठ के बारें बताया था। आज हम आपको बतायेंगे #सन्तानसप्तमी के बारे में।जैसा कि हमने आपको कहा था कि भादों का माह लगते ही व्रत,पर्व, उत्सव, त्योहार, मेले लगने आरंभ हो जाते हैं तो इसी कड़ी में आज का व्रत "सन्तानसप्तमी" के रुप में किया जाता है। माता-पिता मिलकर अपने बच्चों के भविष्य और जीवन को सफल बनाने का संकल्प माता पार्वती और भगवान शिव को साक्षी मानकर लेते हैं। : हिंदी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी ति​थि को संतान सप्तमी का व्रत किया जाता है। इस वर्ष संतान सप्तमी आज है।आज के दिन भगवान शिव और माता गौरी की विधि विधान से पूजा की जाती है। वे प्रसन्न होकर भक्तों को संतान प्राप्ति, उसकी रक्षा और उन्नति व कुशलता का आशीर्वाद देते हैं। : आज के दिन सात मीठी पूरियां बनाकर उनका भोग लगाया जाता है और परिवार सहित उन्हीं को भोजन के रुप में ग्रहण करते हैं। #YourQuoteAndMine #picquote #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts #ATpeacockfeather #पाठकपुराण