"गंगामेला" हटिया से शुरू हुआ ये नया त्योहार हैं। सच बोलु तो उन क्रांतिकारियों का आभार हैं। होली के दिन हुए अंग्रेजों के हाथों गिरफ्तार। अनुराधा नक्षत्र में गंगा किनारे की रंगों की बौछार। गले मिल के जश्न मनाया गौरव मान तिरंगे को फैराया। आक्रोश की ज्वाला को जलाया सारे कानपुर बाजार को बंद कराया। सेठ गुलाब चंद्र की अगवानी में भैसा यात्रा को हैं हर साल निकाला। हटिया से होते हुए नवीन मार्केट की खूबसूरती में खोते हुए पहुच गया वो शिवाला। कुर्बानी, दुःख,आक्रोश और जश्न से भरा ये कानपुर का त्योहार हैं। ये गंगामेला कानपुर की होली की आजादी का सार हैं। कानपुर का खास त्योहार।