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तुम्हारी आंखें बिल्कुल उस पारदर्शी "प्रिज्म" सी है

तुम्हारी आंखें बिल्कुल
उस पारदर्शी "प्रिज्म" सी हैं
जिसमें मैं अपनी "आत्मा" 
और मनोभावों का श्वेत
प्रतिबिंब कई वर्णों में
स्पष्ट देख सकती हूं ;
:
तुम्हें पता है 
वहां भी हमारे "प्रेम  
रंग" की दृश्यता
और तरंगदैर्ध्य सबसे 
अधिक है 
इसलिए तुम्हारे कपोलों
का सुर्ख रंग दूर से ही चमकता है।।
-Anjali Rai तुम्हारी आंखें बिल्कुल
उस पारदर्शी "प्रिज्म" सी हैं
जिसमें मैं अपनी "आत्मा" 
और मनोभावों का श्वेत
प्रतिबिंब कई वर्णों में
स्पष्ट देख सकती हूं ;
:
तुम्हें पता है
तुम्हारी आंखें बिल्कुल
उस पारदर्शी "प्रिज्म" सी हैं
जिसमें मैं अपनी "आत्मा" 
और मनोभावों का श्वेत
प्रतिबिंब कई वर्णों में
स्पष्ट देख सकती हूं ;
:
तुम्हें पता है 
वहां भी हमारे "प्रेम  
रंग" की दृश्यता
और तरंगदैर्ध्य सबसे 
अधिक है 
इसलिए तुम्हारे कपोलों
का सुर्ख रंग दूर से ही चमकता है।।
-Anjali Rai तुम्हारी आंखें बिल्कुल
उस पारदर्शी "प्रिज्म" सी हैं
जिसमें मैं अपनी "आत्मा" 
और मनोभावों का श्वेत
प्रतिबिंब कई वर्णों में
स्पष्ट देख सकती हूं ;
:
तुम्हें पता है

तुम्हारी आंखें बिल्कुल उस पारदर्शी "प्रिज्म" सी हैं जिसमें मैं अपनी "आत्मा" और मनोभावों का श्वेत प्रतिबिंब कई वर्णों में स्पष्ट देख सकती हूं ; : तुम्हें पता है #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #yqlovequotes #yqaestheticthoughts #अशेष_शून्य