तुम्हारी आंखें बिल्कुल उस पारदर्शी "प्रिज्म" सी हैं जिसमें मैं अपनी "आत्मा" और मनोभावों का श्वेत प्रतिबिंब कई वर्णों में स्पष्ट देख सकती हूं ; : तुम्हें पता है वहां भी हमारे "प्रेम रंग" की दृश्यता और तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक है इसलिए तुम्हारे कपोलों का सुर्ख रंग दूर से ही चमकता है।। -Anjali Rai तुम्हारी आंखें बिल्कुल उस पारदर्शी "प्रिज्म" सी हैं जिसमें मैं अपनी "आत्मा" और मनोभावों का श्वेत प्रतिबिंब कई वर्णों में स्पष्ट देख सकती हूं ; : तुम्हें पता है