Autumn साधू, संत, फकीर, औलिया, दानवीर, भिखमंगे दो रोटी के लिए रात-दिन नाचें होकर नंगे घाट-घाट घूमे, निहारी सारी दुनिया दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ! राजा, रंक, सेठ, संन्यासी, बूढ़े और नवासे सब कुर्सी के लिए फेंकते उल्टे-सीधे पासे द्रौपदी अकेली, जुआरी सारी दुनिया दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ! ©@BeingAdilKhan #autumn