वक्त की झुकी हुई सुईयों का वार सीधा "म" पर नहीं म-मैं-मस्तिष्क बल्कि "प" पर आया है प-प्रेम-प्यार जो देगा कहीं अधिक जख्म छाती में //— % & वक्त की झुकी हुई सुईयों का वार सीधा "म" पर नहीं म-मैं-मस्तिष्क बल्कि "प"आया है प-प्रेम-प्यार जो देगा कहीं अधिक जख्म छाती में //