।। Bahu aur beti ।। बहू से बात छुपाई जाती है, बेटी को बात बताई जाती है बहू से आस लगाई जाती है ,बेटी की आस निभाई जाती है बहू की तकलीफ भूलाई जाती है बेटी की तकलीफ आंखों में नीर लाती है , तुम्हें कुछ नहीं आता ये बात हर बार सुनाई जाती है अनपढ़ ही हो बेटी पर तारीफों की माला बढ़ाई जाती हैं , बेटी ,घर की परी दिन रात ये बात सिखाई जाती हैं बहू ,घर से निकाल देंगे हर बार ये बात सुनाई जाती हैं ख़ुशी की घड़ी बेटियों के आने को बताई जाती हैं बहू अशांति की वजह दिखाई जाती हैं अंतर क्या है दोनों जाति में जो इतनी भेद भावना पढ़ाई जाती है बेटी भी वही बहू भी वहीं घर बदल जाने पर मोहर अलग लगाई जाती है बहु से बात छुपाई जाती है ,बेटी को बात बताई जाती है बहू से आस लगाई जाती है, बेटी की आस निभाई जाती है ।।" kanchan Yadav ✍️ ©kanchan Yadav #Wish #बहू और बेटी