" तुझसे मेरा फासला यू ही रहेगा , ढलती हुई शाम की चादर में , ये ख्याल तेरा दस्तक देकर मुकर जायेगा , तुम होकर भी साथ मेरे नहीं होंगे ." --- रबिन्द्र राम " तुझसे मेरा फासला यू ही रहेगा , ढलती हुई शाम की चादर में , ये ख्याल तेरा दस्तक देकर मुकर जायेगा , तुम होकर भी साथ मेरे नहीं होंगे ." --- रबिन्द्र राम #फासला #ख्याल #दस्तक #मुकर #साथ