निकली दगाबाजों की फेरहिस्त तो कुछ यार पुराने निकले किस से करू तेरी शिकयत, ये सब तो तेरे दीवाने निकले कुछ यह सोच खुश थे घर मे रह कर ही बदलेंगे दिन हम घर से फ़क़ीर बन जब निकले तब तब खजाने निकले जिन्हे डर था तेज़ धूप का वो अपने छाँव तले बैठे रहे हमे पसीने से बड़ी मोहब्बत थी, तो हम कमाने निकले #vishalvaid #yqbaba #yqdidi #yaar #खजाने