बच्चे भी आजकल कितने सयाने हो गए है कल ही पैदा हुए आज दीवाने हो गए है हर किसी को है ना जाने कौन सा वहम जो कल अपने थे वो बेगाने हो गए है किसी हक़ीक़त पर अब यकीन नही होता हक़ीक़त लगने वाले तो अब फ़साने हो गए है कैमरा देखकर अब मुस्कुराना पड़ता है खुद से मुस्कुराये तो जमाने हो गए है -(क्षत्रियंकेश) कैमरा!