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14 साल की उम्र से वह सैनिक बनना चाहता था देश की रक

14 साल की उम्र से वह सैनिक बनना चाहता था
देश की रक्षा के खातिर वह भी तो लड़ना चाहता था
दिन रात मेहनत करके जब वह फौज में भर्ती हुआ
बेटे पर आंच ना आए कोई उसकी मां यही बस करती दुआ
घर से निकला तो दिवाली सी मना कर निकला
अपने पिता को छाती से लगाकर निकला
खुद की एक नई पहचान बनाकर निकला
और चिंता मत कर जल्दी लौटूंगा अपनी मां को इतना बता कर निकला
दो-चार महीने हुए थे कुछ फौजी उसके गांव में
वो जो धूप में खड़ा शहीद हुआ _वह उसको उठाकर छांव में लाए
उसका खाने पीने का वक्त ना था , ना चैन की नींद सो पाने का
कुछ जख्म बहुत ही दुख देते उसके और कुछ छाले उसके पांव में आए
और जिन हाथों ने उसको पाला है हर मुसीबत में संभाला है
जो बेचैन सी घूम रही है सुबह से उसकी दीद में
कैसे कह दूं उस मां को कि बेटा हो गया शहीद है, बेटा हो गया शहीद है
जिसका लाडला बेटा चला गया सोचो उस मां पर क्या बीती है
उसे रातों नींद ना आती है ना कुछ खाती है ना पीती है
और लगातार रोए जा रही वह घुट-घुट कर अब जीती है
जिसका लाडला बेटा चला गया  बीती है सोचो मां पर क्या बीती
 और जाकर पूछ तो सही उस बाप को जिसने जवान बेटा खोया है
कहीं कमजोर ना कह रहा हूं मैं वह चुप चुप करके रोया है ,वह चुप चुप करके रोया
जो समान संदूक में ले जाता था वो  समान उसका सब समेट लाया
और वह जो शहीद हुआ वतन के खातिर उसको तिरंगे मे लपेट लाया
बस अब बहुत हुआ रोना-धोना बिन मारे अब उन शैतानों को हमने भी चैन से नहीं सोना
और ना खोना है अब कोई और हमें छान मारेंगे कोना कोना
बस अब बहुत हुआ रोना-धोना 
बस अब बहुत हुआ रोना-धोना

-इनायत🥀✍🏼 #IndianArmy #Soldier #feelingproudindianarmy #inayatchoudhary
14 साल की उम्र से वह सैनिक बनना चाहता था
देश की रक्षा के खातिर वह भी तो लड़ना चाहता था
दिन रात मेहनत करके जब वह फौज में भर्ती हुआ
बेटे पर आंच ना आए कोई उसकी मां यही बस करती दुआ
घर से निकला तो दिवाली सी मना कर निकला
अपने पिता को छाती से लगाकर निकला
खुद की एक नई पहचान बनाकर निकला
और चिंता मत कर जल्दी लौटूंगा अपनी मां को इतना बता कर निकला
दो-चार महीने हुए थे कुछ फौजी उसके गांव में
वो जो धूप में खड़ा शहीद हुआ _वह उसको उठाकर छांव में लाए
उसका खाने पीने का वक्त ना था , ना चैन की नींद सो पाने का
कुछ जख्म बहुत ही दुख देते उसके और कुछ छाले उसके पांव में आए
और जिन हाथों ने उसको पाला है हर मुसीबत में संभाला है
जो बेचैन सी घूम रही है सुबह से उसकी दीद में
कैसे कह दूं उस मां को कि बेटा हो गया शहीद है, बेटा हो गया शहीद है
जिसका लाडला बेटा चला गया सोचो उस मां पर क्या बीती है
उसे रातों नींद ना आती है ना कुछ खाती है ना पीती है
और लगातार रोए जा रही वह घुट-घुट कर अब जीती है
जिसका लाडला बेटा चला गया  बीती है सोचो मां पर क्या बीती
 और जाकर पूछ तो सही उस बाप को जिसने जवान बेटा खोया है
कहीं कमजोर ना कह रहा हूं मैं वह चुप चुप करके रोया है ,वह चुप चुप करके रोया
जो समान संदूक में ले जाता था वो  समान उसका सब समेट लाया
और वह जो शहीद हुआ वतन के खातिर उसको तिरंगे मे लपेट लाया
बस अब बहुत हुआ रोना-धोना बिन मारे अब उन शैतानों को हमने भी चैन से नहीं सोना
और ना खोना है अब कोई और हमें छान मारेंगे कोना कोना
बस अब बहुत हुआ रोना-धोना 
बस अब बहुत हुआ रोना-धोना

-इनायत🥀✍🏼 #IndianArmy #Soldier #feelingproudindianarmy #inayatchoudhary