रात के झगड़े को सपने में सुलझा लिया करो ना, सवेरे होते ही मुझे कस के गले लगा लिया करो ना । तुम्हे तो पता है कि मैं अब ऑफिस जाने लगा हूँ , मुझे नींद आएगी ही पर तुम तो जगा दिया करो ना । छोटी-मोटी चोटे लग जाती है कभी-कभार , मरहम मत खोजा करो अपने होठों से सहला दिया करो ना। तुम तो जानती हो नींद नही आती मुझे बिना तकिए के , तकिया ना मिले तो अपने गोद मे सुला लिया करो ना । जब भी किसी से बात करता हूँ दरवाजे पे खड़ा होके , इशारा मत किया करो आवाज देकर बुला लिया करो ना । मुझे कहाँ समझ आती है बातें दुनियादारी की , जो कोई नहीं समझा पाता तुम समझा दिया करो । माना कि ज़िक्र नही कर सकते तुम सरेआम मेरा , अपनी मेहंदी में ही मेरा नाम लिखकर छुपा लिया करो ना । मैंने कब कहा कि सरेआम मुझे गले लगाओ तुम , महफ़िल में जब भी देखो मुझे बस मुस्कुरा दिया करो ना । क्या हुआ जो इतनी गर्मी में बिजली चली गयी , तुम परेशान मत हो अपनी ओढ़नी से हवा किया करो ना । तुम चाहती हो ना कि मैं हमेशा मुस्कुराता रहूं , तो एक काम करो थोड़ी अपनी भी तो फिक्र किया करो ना । Tum Aisa kiya kro na #rajkspoetry #lovepoetry #hindipoem