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संसार में हम आए हैं कर्म करने जो हों श्लाघ्य, यह स

संसार में हम आए हैं कर्म करने जो हों श्लाघ्य,
यह स्वयं पर निर्भर हैं कि वह कैसे कर्म करे।
कोई नहीं करता किसी को सत्कर्मों हेतु बाध्य,
वह वैसे ही परिणाम पाए, जो जैसे कर्म करे।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #श्लाघ्य