मेरे शहर की गलियों में आए गणपति सुखदाता भादो शुक्ला चतुर्थी को घर-घर विघ्न हरे दाता गौरी नंदन को वंदन करो सब भक्तों मिलकर अभिनंदन करो छवि तुम्हारी मनमोहक हम भोग लगाये मन-मोदक शीश झुके थे हर भक्तों को हर भक्त को आशीष देकर चले.! ©Ram babu Ray मेरे शहर की गलियों में आए गणपति सुखदाता भादो शुक्ला चतुर्थी को घर-घर विघ्न हरे दाता गौरी नंदन को वंदन करो सब भक्तों मिलकर अभिनंदन करो