Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुक्तक :- करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास । व्य

मुक्तक :-
करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास ।
व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस ।
देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात-
अभी तलक तुझमें नहीं , दिखा मुझे कुछ खास ।।







हाथ मिले तो दिल मिले , कर तू ऐसा खास ।
आये जो विश्वास तो , मैं भी करू प्रयास ।
लेकर प्रभु की मैं शपथ , कहता तुमसे आज-
हृदय जीत मेरा कभी , बन जाऊँ मैं दास ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :-
करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास ।
व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस ।
देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात-
अभी तलक तुझमें नहीं , दिखा मुझे कुछ खास ।।
मुक्तक :-
करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास ।
व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस ।
देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात-
अभी तलक तुझमें नहीं , दिखा मुझे कुछ खास ।।







हाथ मिले तो दिल मिले , कर तू ऐसा खास ।
आये जो विश्वास तो , मैं भी करू प्रयास ।
लेकर प्रभु की मैं शपथ , कहता तुमसे आज-
हृदय जीत मेरा कभी , बन जाऊँ मैं दास ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :-
करूँ दोस्ती आपसे , आये जब  विश्वास ।
व्यर्थ लगाऊँ क्यूँ भला , आज आपसे आस ।
देख रहा हूँ नित जगत , करते सब ही घात-
अभी तलक तुझमें नहीं , दिखा मुझे कुछ खास ।।