White ज़मी पे रहके आसमान के ख़्वाब देखता है ये दिल सारे ख़्वाब ही नायाब देखता है यूं तो सवाल हजारों कैद हैं उसके दिल में मगर नजरो में छिपे वो जवाब देखता है और वही मेरी राहों का कांटा बन गया है जो मेरी नम आंखों में महताब देखता है यूं तो आज भी दरख़्त उसकी जद में हैं फिर क्यों खामोश होकर बाग देखता है ©amansingh6295 ज़मी पे रहके आसमान के ख़्वाब देखता है ये दिल सारे ख़्वाब ही नायाब देखता है यूं तो सवाल हजारों कैद हैं उसके दिल में मगर नजरो में छिपे वो जवाब देखता है और वही मेरी राहों का कांटा बन गया है जो मेरी नम आंखों में महताब देखता है