पलटन बाज़ार से वो तेरी पसंद की हरी चूड़ियाँ भी ले ली हैं देख भूला नही हूँ मैं और वो तेरे राजा की रानी वो जो अब तक मेरे पास थी तेरी निशानी वो बचपन से अब तक जिसे संग लेटाकर खुद से लगाकर, सोती थी तू वो गुड़िया भी ले ली है देख भूला नही हूँ मैं बस रात भर का ही तो फ़ासला है फिर कहाँ जा रही है तू फिर कहाँ जा रहा हूँ मैं Bus चल पड़ी है आ रहा हूँ मैं # Bus चल पड़ी है आ रहा हूँ मैं #