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हर साँस मेरी शबनम को तरसती है हर आँख मेरी शबनम बन

हर साँस मेरी शबनम को तरसती है
हर आँख मेरी शबनम बन बरसती है।
                                        'मन' हर साँस मेरी शबनम को तरसती है
हर आँख मेरी शबनम बन बरसती है।
हर साँस मेरी शबनम को तरसती है
हर आँख मेरी शबनम बन बरसती है।
                                        'मन' हर साँस मेरी शबनम को तरसती है
हर आँख मेरी शबनम बन बरसती है।

हर साँस मेरी शबनम को तरसती है हर आँख मेरी शबनम बन बरसती है। #शायरी