शाम सुहानी , दृश्य मनमोहनी अरुण की लाल लला छाये हैं बादल की कला पे पंछी घर को जाते ,उड़ते नील गगन में ठंडी -शीतल पवन चले ,लगे तन वदन पे हाय रे मन मेरा खोया जाए ये दृश्य जो मन को भाएँ घर जो दिनभर सुना था सब वापस लौट आए फिर सब आपस मे मिल किलकारियां मचाए देख ये दृश्य मन को खूब भाएँ हाय रे मन तो बस मस्ती में झूमा जाए। ©Arun kr. #sunset#अरूण #SunSet