हमने बहुत कुछ खोया है वैसे भी हमने बहुत कुछ खोया है एक बार तो आश्रय को भी रोया है. सबने कहा शायद तुमने यही बोया है. अचानक ह्रदय परिवर्तन हुआ,समय का ही प्रवर्तन हुआ हम वापस लौटे उसी पुरानी बस्ती सोचा इस बार बनाएंगे खुद को नई हस्ती. की मशक्कत रातों दिन,छूट गए अच्छे पल क्षीण लगा आँखों में दूरबीन,जिंदगी भी हुई छीन बीन दुखों की थी जो गहरी खाई,कोसों दूर हुई वो परछाई आशीष हुई जो माता दीन,मिट रहे अब वो पल क्षीण कहते हैं क्षमा बड़न को चाहिए,छोटन को उत्पात , शायद यही वजह से आया,,मेरे जीवन में ये जलप्रपात । ©purvarth #Nojoto #खोयाहै