जानते हो तुम भी मगर कहते नहीं, चाहते तो तुम भी हो मगर जताते नहीं। हमेशा मेरी ही सुनते हो, कभी अपनी कहते नहीं, कुछ बातें तुम्हें भी करनी है मुझसे, मगर तुम शुरूआत ही करते नहीं। अपनी ही धुन में खोए रहते हो, कभी ठीक से बात भी करते नहीं। यह COLLAB के लिए खुला है।✨💫 अपने सुसज्जित विचारों व शब्दों के साथ इस पृष्ठभूमि को सजायेंl✒️✒️ • PROFOUND WRITERS द्वारा दी गई इस चुनौती को पूरा करें। 💎 • अपने दिल की भावनाओं को शब्दों में पिरोकर इस अद्भुत पृष्ठभूमि की सुंदरता बढ़ाएं।