कभी अर्जुन के रूप मे, शिष्य को युद्ध में जिताया। खड़ा था जब अर्जुन असमंजस में, तब गुरू जी ने ही गीता का पाठ पढ़ाया। गुरु थे ऋषि दघीचि जिन्होंने, इन्द्र भगवान का वज्र बन सृष्टि को बचाया सिख गुरुओं ने लोकमानस के लिए, अपना शीर्ष कटाया। जब-जब आई जान पर आंच, तब गुरु ने बचाया। ........... आनन्द #गुरु_जी #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi