आँखों का क्या दोष, ये मासूम अभी भी हैं। इंतज़ार तो है इन्हें, पर उम्मीद नहीं। अश्क अब इनमें रहते नहीं, हाँ..!! थोड़ी नमीं सी है। तजुर्बेदार हो गई हैं ये, इसिलिए खामोश हैं॥ #आँखें #मासूम #इंतज़ार #नमीं #तजूर्बेदार #ख़ामोश