हो ये मालूम हर आदमी के लिए। वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए।। वक़्त की कद्र करो ताकि मेहरबां हो वक़्त। ये जरूरी है बहुत हर एक जिंदगी के लिए।। वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए। वक़्त वो शै है जो मेहरबान अगर होजाए।। फिर न तरसोगे तुम किसी खुशी के लिए। वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए।। क्या उसूल है न सजदा करता है। वक़्त क्यूँ है न वंदगी के लिए।। वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए। वक़्त पर जो भी हसा वक़्त को जो भूला है। तो न देता है वक़्त वक़्त फिर हसी के लिए।। वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए।। बेरुखी ना हो वक़्त से ये सुनो। माफ करता न बेरुखी के लिए।। वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए। मैकशी के लिए। वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए। वश या बे वशी के लिए।। वक़्त रुकता नहीं किसी के लिए। कोई भी कुछ भी नहीं वक़्त बड़ा होता है। वक़्त काफी है वंदगी के लिए। वक़्त रुकता नही किसी के लिए।। ©Aashutosh Aman. #Art वक़्त रुकता नहीं।