क्यूँ हकीकत से रूबरू हुए न हम तुम। चाहत-ए-इश्क़ में हर पल रहे गुमसुम। गर हकीकत से होता आमना सामना। तो रह जाते मोहब्बत से महरूम हम तुम। 🎀 Challenge-454 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 🎀 रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। 🎀 अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।