मंजिलें दूर हों चाहे जितनी, हौसलों की उड़ान होनी चाहिए। हम रहें या न रहें, हमारा हिन्दुस्तान रहना चाहिए। जिन्दगी बेशक गरीबी में गुजरे, पर स्वाभिमान रहना चाहिए। माता पिता से ही होती है पहचान अपनी, उनके जीते जी सम्मान होना चाहिए। ©नागेंद्र किशोर सिंह ( मोतिहारी, बिहार।) # जरूरी है