मन मन्दिर मे मूरत तेरी, नित नैनन के दीप जलाऊँ। पंखुड़ियाँ अधरन की तुझ पर, निश दिन अर्पण करता जाऊँ।। Sharma Amit मेरी भक्ति, मेरी आराधना