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एक राज्य के लोग मंगाई और गरीबी से बहुत ही व्यथित थ

एक राज्य के लोग मंगाई और गरीबी से बहुत ही व्यथित थे
लेकिन उनकी कमजोरी थी वो आपस में बटे हुए थे
वांह का राजा बहुत ही चालाक था उसे पता था यदि हम इन्हे
रोजगार और शिक्षा देदेंगे तो हमारी राजा की कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी अतः उन्होंने जनता को उनकी हसली जरूरत से भटकाने
के लिए प्लान बनाया राजा ने अपने सभी मंत्री और संत्री को आदेश दिया कि हर गांव हर गली में ,धर्म चर्चा की जाए,यज्ञ किए जाए,
पूरे राज्य में धार्मिक माहौल बना दिया जाय
राजा के मंत्री और संत्री ने ऐसा ही किया चारो तरफ
सिर्फ धर्मिक कार्यक्रम होने लगे,राज्य के ज्यादातर लोग उसमे 
घुल मिल गए,और कोई अपनी भूख प्यास की भी किसी नही कह पा रहा था यदि कोई कहता तो धार्मिक कार्य में बाधा के डालने के नाम से उसे रास्ते से हटा दिया जा रहा था
और राजा ने पुन प्रजा को शांत करके ,राजा की गद्दी हासिल कर ली
धीरे धीरे प्रजा बुखमारी के गर्त में डूबती गई
जब प्रजा ,को राजा की चाल समझ में आई
तब तक उन्होंने अपने मत देने का अधिकार खो दिया
और वांह लोकतंत्र को खत्म करके हिटलर साही प्रथा लागू कर दी

©Er.Mahesh
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