बारिश और तुम, जब भी बरसता है, ये सावन, लगता है बैठी हो, तुम मेरे आंगन, मेरी छत से जब टपकता है, बारिश का पानी , याद करता हूँ मैं तेरे साथ, बिताये पलों की कहानी, बारिश और तुम, अजब सा सयोंग है, इस बारिश में और तुममें, ना ये बारिश ठहरती है, और ना तुम ठहरती हो मुझमें, तुम बिन अब हूँ मैं, इस दुनियां में कहीं गुम, अब ना तरसाओ मुझे, वापस आ जाओ 'बारिश और तुम'।। ©@anurags091 #poetry #rain #rainlove