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स्कूल टूरिज्म..!! वो मुहब्बतें..और सफर राजधानी जयप

स्कूल टूरिज्म..!!
वो मुहब्बतें..और सफर राजधानी जयपुर का।
सपने की सफलता को हकीकत में बदलने के लिए...हाथों में थमे हाथ का समर्थन!
खुब रहें वो दिन चर्चाओं में स्कुल छूटने के बाद तुम्हें याद करता रहूँगा।

हाँ! याद करते रहना सदा.. (मुहब्बत का एहसास)

यह कहते कहते मुहब्बतें आबाद और गहरी होती गई। वो दिन याद आते होंगे या नहीं,
शायद !
बचपना मुहब्बत वाली
यादे सहपाठी/दोस्ताना वाली ...
       भुला नहीं वो..
दिन भैया तुम्हारे पास बैठना.. खटारा-सी पुरानी स्कूल बस में....और वो सफर।
खूब बातें करना,
खचाखच भरी बस में सीट नहीं मिलने पर तुम्हारें पास आकर खडा़ होना..बेइंतेहा इश्क़ ही तो था।एक बार तू भी रौनकें ए-सफर जयपुर करना मेरे यार...फिर तो अजमेर में ख्वाजा जी के भी जायेंगे मैं भी जा रहा हूँ,तू चलना। 
'हाँ विचार तो हैं फिर क्या होता है' 
देखेंगे..
मेरा गुलाबी नगरी में प्रवेश कर जाना...सफर राजधानी की खूबसुरती को निहारना..आमेर,नाहरगढ़,जयगढ़ मुबारक महल,बिड़ला मंदिर,चिड़ियाघर मोती डूंगरी...वो दृश्य आज भी बाकायदा जिंदा है..क्लिक और वो नजारे आज भी आखों के सामने!

पहली दफा जयपुर!

आऊंगा यारा फिर लौट के..उस सफर को।सपनों की मुलाकात को लेकर जो तुमनें हमेशा के लिए यादगार बना दिया...सपनों को साकार करने में लगे रहना।मैं भी इंसान बनने का फिक्रमंद हूँ।

खैर!
आप वो फूल है बगियाँ के
सदा महकतें रहना...😊❤
    -मजीत खांन
      "कणीया" #oldmemories_school_tour
स्कूल टूरिज्म..!!
वो मुहब्बतें..और सफर राजधानी जयपुर का।
सपने की सफलता को हकीकत में बदलने के लिए...हाथों में थमे हाथ का समर्थन!
खुब रहें वो दिन चर्चाओं में स्कुल छूटने के बाद तुम्हें याद करता रहूँगा।

हाँ! याद करते रहना सदा.. (मुहब्बत का एहसास)

यह कहते कहते मुहब्बतें आबाद और गहरी होती गई। वो दिन याद आते होंगे या नहीं,
शायद !
बचपना मुहब्बत वाली
यादे सहपाठी/दोस्ताना वाली ...
       भुला नहीं वो..
दिन भैया तुम्हारे पास बैठना.. खटारा-सी पुरानी स्कूल बस में....और वो सफर।
खूब बातें करना,
खचाखच भरी बस में सीट नहीं मिलने पर तुम्हारें पास आकर खडा़ होना..बेइंतेहा इश्क़ ही तो था।एक बार तू भी रौनकें ए-सफर जयपुर करना मेरे यार...फिर तो अजमेर में ख्वाजा जी के भी जायेंगे मैं भी जा रहा हूँ,तू चलना। 
'हाँ विचार तो हैं फिर क्या होता है' 
देखेंगे..
मेरा गुलाबी नगरी में प्रवेश कर जाना...सफर राजधानी की खूबसुरती को निहारना..आमेर,नाहरगढ़,जयगढ़ मुबारक महल,बिड़ला मंदिर,चिड़ियाघर मोती डूंगरी...वो दृश्य आज भी बाकायदा जिंदा है..क्लिक और वो नजारे आज भी आखों के सामने!

पहली दफा जयपुर!

आऊंगा यारा फिर लौट के..उस सफर को।सपनों की मुलाकात को लेकर जो तुमनें हमेशा के लिए यादगार बना दिया...सपनों को साकार करने में लगे रहना।मैं भी इंसान बनने का फिक्रमंद हूँ।

खैर!
आप वो फूल है बगियाँ के
सदा महकतें रहना...😊❤
    -मजीत खांन
      "कणीया" #oldmemories_school_tour
mjaeetkhan3519

Majeet khan

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