पोता जब से खबर पता चली कि पुत्रवधु "पेट" से है, परिवार जन, परिचित, बन्धु सब ख़ुशी से हरषाने लगे पहलौठी का है, देख लियो पोता ही होगा रोज रोज सब यही गीत गाने लगे हम भी सबकी देखम देख, जब भी बहू पैर छूती तो आशीर्वाद के रूप में "पुत्रवती भवः" अलापने लगे मातृ शिशु रक्षा हेतु सरकारी संरक्षण प्राप्त योजना के तहत हर महीने बहू के स्वास्थ्य की जांच दिनों दिन कराने लगे माता और शिशु हृष्ट पुष्ट रहें, इसी ख्याल से बहू की लिलौनी कर करके, उसे पौष्टिक आहार खिलाने लगे डॉक्टर की सलाह से निर्धारित अवधि और मात्रा में मल्टी विटामिन, मिनरल और न्यूट्रिशन खिलाने लगे बहू का बढ़ता वजन और चेहरे की चमक देखकर पोता होगा, पोता होगा, सब ऐसा अनुमान लगाने लगे तीन से छह और छह से नौ महीने का अंतराल घटकर बहुप्रतीक्षित दिन, घंटे, मिनट और सेकंड गिनवाने लगे आखिर वो घड़ी भी आ गई, डिलीवरी के दिन सब पोते की चाह में हस्पताल के इर्द गिर्द मंडराने लगे सबकी आशाओं को धता बताकर, कन्या ने जन्म लिया आशाओं पर तुषारापात हुआ तो सब मुँह बनाने लगे मेरी धर्मपत्नी खुश कि दादी बन गई, पुत्र खुश कि पिता बन गया, हम सबसे खुश कि इस कन्यारत्न के आने से हम दादा कहलाने लगे जच्चा बच्चा को देखने वार्ड में गया तो पुत्रवधू ने शिकायत की पापा आप तो रोज आशीर्वाद में कहते थे कि "पुत्रवती भवः" अब पोती देख कर भी इतराने लगे मैंने हँस कर कहा, मैं तो फिर कह रहा हूँ कि हे जगत जननी! पोता दे! ये सुनकर सब खिलखिलाकर हँसने लगे आनन्द कुमार आशोधि ©Anand Kumar Ashodhiya पोता #पोता