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मैं भी कमबख्त इतनी पागल थीं रोज़ सुबह उठती तो थी

 मैं भी कमबख्त इतनी पागल थीं
रोज़ सुबह उठती तो थी
ख़्वाबों को पूरा करने के लिए
किंतु उसने मुझे इतना जकड़ लिया
कि भूल गई मैं उसे जीना
और फ़िर समझ में आया कि
ख़्वाब अधूरे क्यू रह गए।  #secondquotebyme #thoughtsforlife #differentperspective
 मैं भी कमबख्त इतनी पागल थीं
रोज़ सुबह उठती तो थी
ख़्वाबों को पूरा करने के लिए
किंतु उसने मुझे इतना जकड़ लिया
कि भूल गई मैं उसे जीना
और फ़िर समझ में आया कि
ख़्वाब अधूरे क्यू रह गए।  #secondquotebyme #thoughtsforlife #differentperspective