अपने आप को आप किसी के लिए बस इतना ही बदले, जिसके एवज में खुद को बचाए रखने की गुंजाइश हो।
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मर्यादा क्या होती है?
यही ना क्या आप किसी के होकर रहें जीवनभर।
इस बीच आप खुद को ऐसा करने के लिए बदल डालते हैं।
इस कदर बदल डालते हैं अपने आप को, कि उनके
लिए ना बदलने की दुआ करते, जो भी जरूरी था सब कुछ
करते थे; आखिर में वह उसके लिए तो छोड़ो, #a_journey_of_thoughts#unboundeddesires#shreekibaat_AJOT#तुम्हारा_मन_मेरी_समझ