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Shree

#shreekibaat_AJOT 🫣

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सब अकेले हैं, 
इस अकेलेपन में
ये अकेलापन कितना अकेला है...
बस इसी में तो सब खेला है!!
कभी मौके गंवाए तो..
कभी मौकापरस्तों को झेला है,
कभी फरिश्ते साथ आए तो,
कभी दिल के टुकड़ों ने लूटा है,
और हां, पर अंत में...
दिल बस अकेला है!
दूर शहरों से बसा
अलग ही इसका मेला है! #shreekibaat_ajot 🫣

Shree

सांसें रुक गईं अगर.. एक बार.. मेरा नाम पुकारना हां तुम एक बार मुझे बुलाना हर टूटती हुई सांस पर गीरह और गांठ पड़ जाएगी मद्धम होती हुई धड़कनें तेजी से बढ़ जाएंगी.. #a_journey_of_thoughts #lovepoemsarebest #shreekibaat_AJOT #जानेक्याजानेक्यों

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प्रेम सबके अंतर में है.. 
फिर इतना अंतर क्यों? 

प्रेम सब जीतता है..  
फिर हार कैसे क्यों? 

प्रेम अगर सबसे भला है.. 
फिर ग़म इसका सानी क्यों? 

प्रेम अपनत्व का पर्याय है 
फिर मंतव्य तिरस्कृत क्यों? 

प्रेम सबसे धनवान है.. 
फिर इतना निर्धन क्यों? 

प्रेम हरदम प्रेमिल है 
फिर इतना बोझिल क्यों? 

प्रेम सरल सुलझा है, 
फिर इतना उलझा क्यों? सांसें रुक गईं अगर..
एक बार..
मेरा नाम पुकारना
हां तुम एक बार मुझे बुलाना
हर टूटती हुई सांस पर 
गीरह और गांठ पड़ जाएगी
मद्धम होती हुई धड़कनें 
तेजी से बढ़ जाएंगी..

Shree

This or That ☯️☯️☯️☯️ Both sides of the coin are equally valuable. Similarly, both ends of thoughts are unavoidable, important and valid according to perspective. Love exists because we know that hatred is not taking us anywhere higher. #yqbaba #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires #shreekibaat_AJOT #ajot_life #zindagikaisihaipaheli

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This or That 🤔 This or That 
☯️☯️☯️☯️
Both sides of the coin are equally valuable. 

Similarly, both ends of thoughts are unavoidable, important and valid according to perspective.

Love exists because we know that hatred is not taking us anywhere higher.

Shree

किसी शहर की भीड़भाड़ के बीचों-बीच बैठकर जरा सुकून मिले किसी के सानिध्य में…. तो क्या बात हो..! इसी सुकून की भागम भाग में तो जीवन भर हलचल मची रहती है। दिन गुजर गया हो, शाम ढल रही हो, अंधेरा छा रहा हो... ट्राफिक की बत्तियां रंग-बिरंगी रोशनी से सड़क को रंग रही हो... जैसे हर किसी को कहीं पहुंचने की जल्दी पड़ी हो... हां! यातायात के इतने साधनों के शोर के बीच जाने कौन सी ठंडक सीने के बीचों-बीच आकर ठहर गई, बस किसी एक के पास होने से। हजारों-हजार कहानियां अपने आप ज़ुबान पर खिंची चली आती गई... और गाड़िय #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires #shreekibaat_AJOT #epitomeoflove

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छोटी सी बात  किसी शहर की भीड़भाड़ के बीचों-बीच बैठकर जरा सुकून मिले किसी के सानिध्य में…. तो क्या बात हो..! इसी सुकून की भागम भाग में तो जीवन भर हलचल मची रहती है। 

दिन गुजर गया हो, शाम ढल रही हो, अंधेरा छा रहा हो... ट्राफिक की बत्तियां रंग-बिरंगी रोशनी से सड़क को रंग रही हो... जैसे हर किसी को कहीं पहुंचने की जल्दी पड़ी हो... हां!

यातायात के इतने साधनों के शोर के बीच जाने कौन सी ठंडक सीने के बीचों-बीच आकर ठहर गई, बस किसी एक के पास होने से। हजारों-हजार कहानियां अपने आप ज़ुबान पर खिंची चली आती गई... और गाड़िय

Shree

जाने कसक रकीब बन फिरे तिनकों तक तहस नहस करें, थर-थर अब-तब क्या ही करें, सबसे आजाद, खुद में कैद रहें। घुटने तक डूबे क्या खैर करें, तरकश अपना, हां, तीर अपने, अपने दिल पर हर वार चले, #a_journey_of_thoughts #shreekibaat_AJOT

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जाने कसक रकीब बन फिरे
तिनकों तक तहस नहस करें,
थर-थर अब-तब क्या ही करें,
सबसे आजाद, खुद में कैद रहें।

घुटने तक डूबे क्या खैर करें,
तरकश अपना, हां, तीर अपने,
अपने दिल पर हर वार चले,
कहो, कहां, किससे गुहार करें!

किये धरती सा मजबूत सीना,
यहां सागर सी व्याकुल जियूं..
धर लें माथा, कुछ आराम मिले..
इन कांधे को देख मेरा जी कहें!  जाने कसक रकीब बन फिरे
तिनकों तक तहस नहस करें,
थर-थर अब-तब क्या ही करें,
सबसे आजाद, खुद में कैद रहें।

घुटने तक डूबे क्या खैर करें,
तरकश अपना, हां, तीर अपने,
अपने दिल पर हर वार चले,

Shree

मुंशी जी का कथन शत् प्रतिशत सत्य है। * कुछ जोड़ रही, जो अनुभव किया.... "जिससे प्रेम हुआ, उससे द्वेष नहीं हो सकता, सच है। निराशा हो सकती है, देखा जा सकता है आसपास आसानी से.. बथेरे किस्से हैं। प्रेम अन्याय नहीं करता, अन्याय आदमी करता है अपेक्षाओं की आर में उपेक्षित बताकर स्वयं को।" Shree #हिन्दी_पंक्तियाँ #hindi_panktiyaan #स्वरचित_पंक्तियां #a_journey_of_thoughts #shreekibaat_AJOT

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"जिससे प्रेम हुआ, उससे द्वेष 
नहीं हो सकता, सच है। 
निराशा हो सकती है, 
देखा जा सकता है आसपास 
आसानी से.. बथेरे किस्से हैं। 
प्रेम अन्याय नहीं करता, 
अन्याय आदमी करता है...
अपेक्षाओं की आर में 
उपेक्षित बताकर स्वयं को।" मुंशी जी का कथन शत् प्रतिशत सत्य है। *
कुछ जोड़ रही, जो अनुभव किया.... 

"जिससे प्रेम हुआ, उससे द्वेष नहीं हो सकता, सच है। 
निराशा हो सकती है, देखा जा सकता है आसपास आसानी से.. बथेरे किस्से हैं। प्रेम अन्याय नहीं करता, अन्याय आदमी करता है अपेक्षाओं की आर में उपेक्षित बताकर स्वयं को।"

Shree 
#हिन्दी_पंक्तियाँ #hindi_panktiyaan

Shree

Pillars of happiness How easy it is to look for pillars to support whenever needed! And on contrary, find corners or aisle or shell out, when you need freedom... Or , just run out of the roof... Likewise, everyone takes their loved ones for granted, #a_journey_of_thoughts #unboundeddesires #shreekibaat_AJOT

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Pillars of happiness  Pillars of happiness 

How easy it is to look for pillars to support whenever needed!
And on contrary, find corners or aisle or shell out, when you need freedom...

Or , just run out of the roof...

Likewise, everyone takes their loved ones for granted,

Shree

हां, इसमें कोई बड़प्पन नहीं। असल में मुझमें वो झुंझलाहट ही नहीं आती, वो खीझ नहीं जगती कि उकता जाऊं जो हो रहा है उससे, या जो नहीं हुआ उसकी वजह से। ग़लती समझ आती जहां, वहीं माफ़ी मांगी तो सबको लगता इतनी जल्दी कौन माफी मांगता है...! #Sorry #आत्ममंथन #a_journey_of_thoughts #shreekibaat_AJOT #ajot_life

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मैं नहीं होती नाराज़! हां, इसमें कोई बड़प्पन नहीं। 

असल में मुझमें वो झुंझलाहट ही नहीं आती, 
वो खीझ नहीं जगती कि उकता जाऊं जो हो रहा है उससे, या 
जो नहीं हुआ उसकी वजह से।

ग़लती समझ आती जहां, वहीं माफ़ी मांगी तो 
सबको लगता इतनी जल्दी कौन माफी मांगता है...!

Shree

सुनो प्रेम.. सावन के जटाधारी बादलों की तरह अब तुम आसमान में छा जाओ... जेठ की दुपहरी से लिया ताप अंजुरी में आड़ी-टेढी खींची टूटी रेखाओं को देखते हुए इन गद्देदार छोटी-छोटी तलहथियों के कोनों में #a_journey_of_thoughts #lovepoemsarebest #shreekibaat_AJOT

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सुनो प्रेम..
सावन के जटाधारी बादलों की तरह
अब तुम आसमान में छा जाओ... सुनो प्रेम..
सावन के जटाधारी बादलों की तरह
अब तुम आसमान में छा जाओ...

जेठ की दुपहरी से लिया ताप 
अंजुरी में आड़ी-टेढी खींची 
टूटी रेखाओं को देखते हुए इन गद्देदार 
छोटी-छोटी तलहथियों के कोनों में

Shree

नामुमकिन सा है कि ये सोचा भी जा सके। पर, भाव उठे तो शब्दों का रुख लेकर ही चैन पाएंगे। कोई त्रुटी हो या किसी की भावना आहत हो तो क्षमा चाहेंगे और मदद करें सही करने में। आप में से जो मुझे हमेशा से पढ़ रहे, वो जानते हैं थोड़ा बहुत मुझे। कुछ भी ऐसा नहीं आस-पास जो मुझे महसूस ना होता हो। कभी यही बात मेरी ताकत बनती, कभी कमजोरी तो कभी परेशानी। ख़ैर, ये बदलने वाली चीज तो है नहीं। विषय से दूर भी भटक जाते हैं कई बार हम, चलिए वापसी करते हैं। रिश्ते जीवन की जमा पूंजी होते हैं, कितनी ही बार ये कुंजी खो जा #cinemagraph #tutumainmain #a_journey_of_thoughts #shreekibaat_AJOT #thoditerithodimeri

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कुछ शब्द उनके लिए
जिनके चंद 
रिश्ते साथ नहीं...!


"Please stop emotional blackmail."
✍🏻 नामुमकिन सा है कि ये सोचा भी जा सके। पर, भाव उठे तो शब्दों का रुख लेकर ही चैन पाएंगे। कोई त्रुटी हो या किसी की भावना आहत हो तो क्षमा चाहेंगे और मदद करें सही करने में। आप में से जो मुझे हमेशा से पढ़ रहे, वो जानते हैं थोड़ा बहुत मुझे। कुछ भी ऐसा नहीं आस-पास जो मुझे महसूस ना होता हो।  कभी यही बात मेरी ताकत बनती, कभी कमजोरी तो कभी परेशानी। ख़ैर, ये बदलने वाली चीज तो है नहीं।

विषय से दूर भी भटक  जाते हैं कई बार हम, चलिए वापसी करते हैं। 

रिश्ते जीवन की जमा पूंजी होते हैं, कितनी ही बार ये कुंजी खो जा
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