ये दुनिया है भीड़ भाड़ में शोर शराबा होता है। मिलना जुलना धोखा खाना थोड़ा ज्यादा होता है।। , शायद तुमनें देखा होगा बँटवारे की बात है ये। सोने की जंजीरों में भी आधा आधा होता है।। , डरते है जब लिखने वाले सच्ची बातें लिखने से। सोचों कोई कैसे कैसे किससे हारा होता है।। , मेरे शेरों में बुनियादी ये ही एक खराबी है। आड़ा तिरछा लगता है पर सीधा सीधा होता है।। , मेरे मुझ जैसा रहने से इस दुनियां को दिक्कत है। अब वादों की क्या हस्ती बस ताना बाना होता है।। , जीते है हम जीने दो अब काहे मुश्किल करतें हो। जब तुमने ये मान लिया कि सच्चा झूठा होता है।। , हम कहते है मान भी लो अब कुछ तो हमनें देखा है। इक जरा सी बात से साहिल मेरा तेरा होता है।।