ये माना कुछ उलझे रहते हैं बाल हर वक्त रखने में सभी का खयाल फिर भी उसकी सुंदरता में नहीं आती है कोई कमी......... वो नारी है, समर्पण है उसका श्रृंगार ईंटो से तो दिवारे बनती हैं छत से बनता है मकान नारी ही है, जो बनाती है उसे घर.......... मूंदे आंखों से भी जब करती है प्रभु का ध्यान, कुछ ज्यादा की नहीं करती ख्वाहिश बस लेती है अपने अपनो के नाम........... ©Poonam #नारी #समर्पण #बाल #खयाल