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मन की इच्छाओं का गुलाम होकर कहता हूँ मै आजाद ख्या

मन की इच्छाओं का गुलाम होकर 
कहता हूँ मै आजाद ख्याल हूँ।
पिंजड़े मे बंद परिंदे की
बेबसी नजर आ जाती काश!

©Kamlesh Kandpal
  #Mn