Nojoto: Largest Storytelling Platform

किस विकास की बात करते हो? कौनसी ज्योति जगी है

किस  विकास की बात करते हो?  कौनसी ज्योति  जगी 
है मनुष्य की आत्मा मे? जिसे हम कह सके
विकास हुआ है
कौनसा आनंद  आ थिरका है? जिसे हम कह सके
विकास  हुआ है
क्या फलित हुआ है मनुष्य के जीवन मे। कौनसे फूल. लगे है?
जिसे हन कह सके विकास हुआ है
मानुष आज भी कोल्हू का बैल बना हुआ  गोल गोल
घूमने के सिवाय कुछ भी नहीं कर रहा है
इसिलए  आज भी  वही खड़ा है जहाँ पहले था
मनुष्य की चेतना आज भी  बंदिनी बनी हु.ई
आदमी आज भी वहशी बना हुआ. खून खराबे की बाते. करता है आये दिन
आज भी उसके जीवन मे  प्रेम  और करुंणा का  दूर दूर तक कोई संबंध नहीं  .. आदमी  सिर्फ सामान बेच रहा है या
सामान बढ़ाने मे लगा है. शांति और प्रेम की गुणवत्ता उसमे आज तक आयी नहीं. सच तों यह है कि विकास की
परिभाषा भी वो आज तक समझा नहीं

©Parasram Arora विकास?
किस  विकास की बात करते हो?  कौनसी ज्योति  जगी 
है मनुष्य की आत्मा मे? जिसे हम कह सके
विकास हुआ है
कौनसा आनंद  आ थिरका है? जिसे हम कह सके
विकास  हुआ है
क्या फलित हुआ है मनुष्य के जीवन मे। कौनसे फूल. लगे है?
जिसे हन कह सके विकास हुआ है
मानुष आज भी कोल्हू का बैल बना हुआ  गोल गोल
घूमने के सिवाय कुछ भी नहीं कर रहा है
इसिलए  आज भी  वही खड़ा है जहाँ पहले था
मनुष्य की चेतना आज भी  बंदिनी बनी हु.ई
आदमी आज भी वहशी बना हुआ. खून खराबे की बाते. करता है आये दिन
आज भी उसके जीवन मे  प्रेम  और करुंणा का  दूर दूर तक कोई संबंध नहीं  .. आदमी  सिर्फ सामान बेच रहा है या
सामान बढ़ाने मे लगा है. शांति और प्रेम की गुणवत्ता उसमे आज तक आयी नहीं. सच तों यह है कि विकास की
परिभाषा भी वो आज तक समझा नहीं

©Parasram Arora विकास?

विकास? #विचार