क्या लिखूँ देख कर तुझको कोई पागल हो जाए कहीं कत्ल हो जाए तो कहीं घायल हो जाए तीर लिखूं या तलवार लिखूं बोल क्या लिखूं तेरी इन अदाओं का नाम क्या लिखूं अंबर में सावन की काली घटा झुक जाती है धूप छुप जाती है कहीं छांव रुक जाती है घटा लिखूं या शाम लिखूं बोल क्या लिखूं तेरी इन जुल्फों का नाम क्या लिखूं लबों पर तेरे हंसी जब खिल जाए अंबर से धरती भी मिल जाए कली लिखूं या गुलफाम लिखूं बोल क्या लिखूं तेरे इन होठों का नाम क्या लिखूं तेरी सूरत मेरे खयालों में रोज आ जाती है सांसे धीमी धड़कनें तेज कर जाती है चांद लिखूं या कलाम लिखूं बोल क्या लिखूं तेरी इस सूरत का नाम क्या लिखूं ©Bhuvnesh Chakrawal #kyalikhu #Tera #mylove #mohabbat #Love #you #PoetInYou #Nojoto