Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक दिन मैं दरवाजा खोलूं और तुम सामने हो ये उम्मीद

एक दिन मैं
दरवाजा खोलूं और तुम सामने हो
ये उम्मीद
हर आहट पर ठीक वैसे ही-
टूटती है
जैसे आँख खुलते ही
कोई सपना ।

तुम्हें खुद से 
जोड़े रखने की जिद में 
आँख खोलूं या दरवाजा
मुझमें हर बार
कुछ न कुछ टूट जाता है ।

©Dev
  #hibiscussabdariffa #Poetry #storytelling #words #Shayar #kavita #thought #night_thoughts #love❤