Nojoto: Largest Storytelling Platform

जो पौधे लगाये थे चाव से सब बड़े हो गए इतनी बड़े हुए

जो पौधे लगाये थे चाव से सब बड़े हो गए
इतनी बड़े हुए की दूर जा ख़ड़े हो गए

किसी ने पंछियों को अपने कंधे पे बिठाया
तो किसी ने बस अपने फलों को मीठा बनाया

मैं बस खड़ा आस से इनको बढ़ता देखता रहा
मगर न किसी ने आवाज़ दी, न अपने पास बुलाया

कौन बनेगा मेरी लाठी, किसकी छांव मैं सोऊँ
कौन पोंछेगा आंसू मेरे ,किस कंधे पे सिर रख के रोऊँ
 Challenge 18 - 'किस कंधे पर सर रख रोऊँ'
8 पंक्तियों की रचना कर प्रतियोगिता में भाग लें।
विशेष:- आवश्यक नियम पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़ें।
🌠
आज के अत्यंत ही रोचक विषय 'किस कंधे पर सर रख रोऊँ' पर रचना कीजिये। जिसमें एक वृद्ध मनुष्य कहता है कि हर कोई अपने-अपने कार्य में लगा है किसीको समय कहाँ है जो मेरी व्यथा सुने मैं स्वयं में ही घुट रहा हूँ।
#yqbaba #yqdidi #tmkosh 
📢🔊
यदि आप अन्य कवियों की रचना व उनकी लेखन शैली को पढ़ते हैं तो आपकी लेखनी में समय की आवश्यकता के अनुरूप धार आएगी जो आपकी रचना को सभी से अलग करेगी।
जो पौधे लगाये थे चाव से सब बड़े हो गए
इतनी बड़े हुए की दूर जा ख़ड़े हो गए

किसी ने पंछियों को अपने कंधे पे बिठाया
तो किसी ने बस अपने फलों को मीठा बनाया

मैं बस खड़ा आस से इनको बढ़ता देखता रहा
मगर न किसी ने आवाज़ दी, न अपने पास बुलाया

कौन बनेगा मेरी लाठी, किसकी छांव मैं सोऊँ
कौन पोंछेगा आंसू मेरे ,किस कंधे पे सिर रख के रोऊँ
 Challenge 18 - 'किस कंधे पर सर रख रोऊँ'
8 पंक्तियों की रचना कर प्रतियोगिता में भाग लें।
विशेष:- आवश्यक नियम पिन पोस्ट के कैप्शन में पढ़ें।
🌠
आज के अत्यंत ही रोचक विषय 'किस कंधे पर सर रख रोऊँ' पर रचना कीजिये। जिसमें एक वृद्ध मनुष्य कहता है कि हर कोई अपने-अपने कार्य में लगा है किसीको समय कहाँ है जो मेरी व्यथा सुने मैं स्वयं में ही घुट रहा हूँ।
#yqbaba #yqdidi #tmkosh 
📢🔊
यदि आप अन्य कवियों की रचना व उनकी लेखन शैली को पढ़ते हैं तो आपकी लेखनी में समय की आवश्यकता के अनुरूप धार आएगी जो आपकी रचना को सभी से अलग करेगी।
vishalvaid9376

Vishal Vaid

New Creator