बारिश में अंग लगाओ सजना, तोसे बूंद बूंद मिल जाऊ सजना। चित में आवत है बस प्रीत तेरी, कहो तोहे कैसे रिझाऊं सजना। ©P.Kumar #rain #Poetry शेरो शायरी