मैं खड़ा बीच मझधार किनारे क्या कर लेंगे मैने छोड़ी पतवार सहारे क्या कर लेंगे तुम क़िस्मत-क़िस्मत करो जियो याचक बन कर मैं चला क्षितिज के पार सितारे क्या कर लेंगे तुम दिखलाते हो राह मुझे मंजिल की, मैं आँखों से लाचार इशारे क्या कर लेंगे हम ने जो कुछ भी कहा वही कर बैठे जो सोचें सौ-सौ बार बेचारे क्या कर लेंगे ना समझ कहोगे तुम मुझको मालूम है ये फ़तवे हैं बेकार तुम्हारे क्या कर लेंगे #NojotoQuote writeup