१ लेखक - आदर्श सिंह चौहान रचना - मुझे पसंद है मुझे पसंद है देखना ओस बूंदों को धूप पीकर , सोना होते पसंद है देखना नीली तितलियाँ पंख लगा कर हरे गगन को जाते पसंद है पोखरों में कंकड़ फेंकना और सुनना मछली , जलकुंभी की बातें मुझे पसंद है घुंघराले काले बादल और देखना बारिश में अंगुर पत्तों को नहाते मुझे पसंद है एकेले दूर तक टहलना खुशबू चुराना गुलाबों को गाना चिराग़ों से रौशनी उधार लेकर पसंद है जुगनुओं को कविता सुनाना पसंद है कांपती शीत लहर में जमती झीलें , हंसता किनारा हाँ पसंद है बजते सूफ़ी संगीत पे देखना, भौंरों का पंख फड़फड़ाना पसंद है श्रापित प्राचीन जगहें, पसंद है अधूरी प्रेम कहानी, पसंद है पटरी पे नाचती रेलें, और पसंद है गुनगुनाती बैलगाड़ी पसंद है देखना ढलती शामें और पसंद है अलसाया संध्या तारा पसंद है मुझे तुम्हारी बातें और पसंद है हाथों में हाथ तुम्हारा .. ___________________ धन्यवाद 🙏 ©Adarsh Singh आदर्श सिंह चौहान रचन-मुझे पसंद है (pv=nrt) जय हिन्द राधे राधे जय श्री राम