"जीवन का दास्ताँ सुनो तो जाने किसी को अपना मानो तो माने, होते है साथी कई इस सफ़र में उन में से कोई हमसफ़र चुनो तो जाने, किस ने कहा की रह में साथी नहीं होते, कौन कहता है गुलाब में काँटे नहीं होते, होते हैं साथी कई जीवन के सफ़र में उन्मे से अपने प्यार को पहचानो तो जाने.. कुछ लम्हों का कहानी है यह ज़िंदगी इनसे दो पल अपने लिए चुरा सको तो जाने यह मोहब्बत नहीं आसान डूब के जाना हैं नदी के उस किनारे अपना आशियाना है मिले लोग हजार पर तुमसा कोई नहीं साथ नहीं तो क्या तेरी याद में बीते यह पल देखे अफसाने कई पर कोई अपना तो माने जीते हैं जिसे हम रोज़ वो नादान तो यह भी ना जाने.." ©navroop singh #Lamhe