फ़िज़ा की अदा तो देखो मुसलसल एक जहान है देखो! जहन में चलती हैं बेहिसाब नज़्में इस बेख़ौफ़,नादान दिल की हसरत तो देखो! है चाहती कि मुख़ातिब हो वो मुबालिग से इस इब्तिदा की इन्तेहाँ तो देखो! पशो-पेश में हैं, जो उस एक तीर-ए-नज़र के चंद लम्हों के मानिंद उसकी अदावत तो देखो! झुक जाए गर सिर रहनुमा-ए-इश्क़ में कभी दर्द-ए-उल्फ़त की आरज़ू न करो! ©Sandhya Maurya #nature #NatureLove #NatureBeauty #urdu_shayari #urdu_quote #Hindi #rahnuma #sajda