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याद रखो बस इतना कि कोई गिला-शिक़वा नासूर न कभी बन

याद रखो बस इतना कि कोई गिला-शिक़वा नासूर न कभी बन जाए, 
उम्र भर की सज़ा से तो अच्छा है, हर मसला बखूबी सुलझाते रहोगे।

     (कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें)
 आखिर कब तक तुम अपनी प्रेम गाथा सबके सामने गुनगुनाते रहोगे, 
'मैं सच्चा वो झूठी या फिर मैं सच्ची वो झूठा', कब तक बताते रहोगे? 

तुम ने सब कुछ उसका बता दिया या फिर कोई भेद भी छिपा लिया, 
अगर सब कुछ उसका सुना ही दिया, कब तक सच्चा बनते फिरोगे?

माना कि तुम उसके थे और वो तुम्हारी फिर क्या लाज रखी तुमने उसकी, 
यों हर बार उसी का चेहरा सबके सामने अब कब तक दिखाते रहोगे?
याद रखो बस इतना कि कोई गिला-शिक़वा नासूर न कभी बन जाए, 
उम्र भर की सज़ा से तो अच्छा है, हर मसला बखूबी सुलझाते रहोगे।

     (कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें)
 आखिर कब तक तुम अपनी प्रेम गाथा सबके सामने गुनगुनाते रहोगे, 
'मैं सच्चा वो झूठी या फिर मैं सच्ची वो झूठा', कब तक बताते रहोगे? 

तुम ने सब कुछ उसका बता दिया या फिर कोई भेद भी छिपा लिया, 
अगर सब कुछ उसका सुना ही दिया, कब तक सच्चा बनते फिरोगे?

माना कि तुम उसके थे और वो तुम्हारी फिर क्या लाज रखी तुमने उसकी, 
यों हर बार उसी का चेहरा सबके सामने अब कब तक दिखाते रहोगे?
juhigrover8717

Juhi Grover

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