ये सवाल दिन में कई बार आता हैं। और हर बार जवाब हवाओ में आता हैं। गुज़र जाती हैं छू-छू कर मुझे हर बार। मेरे हर शब्द ओ एहसास में सिर्फ तेरी ही पुकार। तुम दूर हो ये मेरे गुनाहों का कर्मफल हैं यार। एक बार फिर आ जाओ साथ तुम मेरी मोहोब्बत हो यार। परेशान करती हो तुम ये मुझे अच्छा लगता हैं। मग़र दूर हो जाओगी ये बात तर्कसंगत नही लगती हैं। हाँ तुम चाँद के क़रीब हो ये बात मुझे अच्छी नही लगती। तुम नही हो ये बात इतने सालों बाद भी सच्ची नही लगती। विवेक सिंह राजावत। बस इतना सा जानना है तुमसे। क्या तुम नहीं लौटोगे? #तुमनहींलौटोगे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi dear didi please comment on my quote