" आज फिर एक बात भुलने बैठा हूं , आज फिर एक ख्याल ढुढने के बैठा हूं , अश्क मेरे ख्याल ये जिक्र भर जायज है , उसकी बेखुदी खुद में समेटने बैठा हूं . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " आज फिर एक बात भुलने बैठा हूं , आज फिर एक ख्याल ढुढने के बैठा हूं , अश्क मेरे ख्याल ये जिक्र भर जायज है , उसकी बेखुदी खुद में समेटने बैठा हूं . " --- रबिन्द्र राम #ख्याल #अश्क #ख्याल #जिक्र #बेखुदी